21 March 2019

शिशिर ने पहन लिया

शिशिर ने पहन लिया बसन्त का दुकूल
गन्ध बह उड़ रहा पराग धूल झूले
काँटे का किरीट धारे बने देवदूत
पीत वसन दमक उठे तिरस्कृत बबूल
अरे ॠतुराज आ गया

-अज्ञेय

1 comment:

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अत्यन्त. ही रोचक रचना ह्रदय प्रसन्न चित्त हो उठा।
shabdmandir.blogspot.com