27 February 2019

लेखनी चलाने वाले भावुक हृदय हम

लेखनी चलाने वाले भावुक हृदय हम
  वक्त आने पर कर वज्र थाम लेते हैं
शक्ति का जवाब शान्ति से नहीं सुनाई देता
  हम ऐसे वक्त शक्ति से ही काम लेते हैं
बात अपनी पे व्योम रहते सदा अटल
  बढ़ते कदम नहीं विसराम लेते हैं
जनता की एक-एक साँस के अकूत बल
  सम्बल से काल का भी हाथ थाम लेते हैं


 -डा० जगदीश व्योम

1 comment:

Pushpa mehra said...

बहुत सुंदर प्रेरक कविताहै ,आ.बधाई
पुष्पा मेहरा