11 June 2016

जनता के दुःख-दर्द

जनता के दुःख-दर्द का नहीं निवार करे,
ऐसा कोई राजा हो या रानी किस काम की।
भूखे नंगे दीनन को दे सके न कोई लाभ,
शासन की वो मेहरबानी किस काम की।
देशप्रेम देशभक्ति भावना से भरा नहीं,
ऐसा कोई गीत या कहानी किस काम की।
देश की आन वान शान पर न दे दे जान,
निरझर ऐसी भी जवानी किस काम की ।।

-सत्येन्द्र निर्झर 

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