आज मजदूर दिवस के अवसर पर विश्व के समस्त श्रम साधको को समर्पित एक छन्द-
पावन गंगा बहाई धरा पर पौरूष की वह खान तुम्हीं हो
बज्र बनाबन हेत तजे निज प्रान दधीच महान तुम्हीं हो
शक्ति अकूत की कूत नहीं कर पाते थे जो, हनुमान तुम्हीं हो
हे मजदूर किसान ! मेरे इस देश के तो भगवान तुम्हीं हो।
-डा० जगदीश व्योम
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