*** गीत ***
गंदगी में जनम कर कमल सम
गंध हम बाँटते ही रहेंगे
बेतुकी, बेसुरी ज़िन्दगी को
छन्द हम बाँटते ही रहेंगे ।
बुद्धि को जिसने जकड़ा है कस कर
बेड़ियाँ हमने पहनी जो हँस कर
जिस कसन ने किया चूर तन मन
हम उसे काटते ही रहेंगे ।
भेद की खाइयों में पड़े हम
व्यर्थ गहराइयों में गड़े हम
भूख और प्यास की खाली झीलें
अर्थ से पाटते ही रहेंगे ।
-ब्रजमोहन सिंह ठाकुर
गंदगी में जनम कर कमल सम
गंध हम बाँटते ही रहेंगे
बेतुकी, बेसुरी ज़िन्दगी को
छन्द हम बाँटते ही रहेंगे ।
बुद्धि को जिसने जकड़ा है कस कर
बेड़ियाँ हमने पहनी जो हँस कर
जिस कसन ने किया चूर तन मन
हम उसे काटते ही रहेंगे ।
भेद की खाइयों में पड़े हम
व्यर्थ गहराइयों में गड़े हम
भूख और प्यास की खाली झीलें
अर्थ से पाटते ही रहेंगे ।
-ब्रजमोहन सिंह ठाकुर
1 comment:
mmai ek koshish kar raha hoon desh ke yuva ko jagane ki my koi krantikari nahhi ho bhi kai sakta hoon british to ja chuke apke barre me sunaa tha isliye blog open kiya ek request hai ya uoon kahiye ek cooperation ki zaroorat app desh pe kavita likhiye BHAGAT SINGH,AZAD,RAJ,SUKHDEV DESH ko zarrorat hai yuva ki yuva shakti ke unehe prerna di jiye manta hoon ajj koi kitab nahi kholta sub question bank se padte hai lekin HARRY POTTER TO BOHOT biki,agni ki uddan bhi,jeet apki bhi. EK JUNOONI KAVITA IS DESH KO BACHANE KE LIYE Dr.vyom MY BLOG=>bharat-ki-azadi.blogspot.com
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