15 November 2018

अंटा मेरे बाप का

अगर जीतना है दुनिया तो यही तरीका टाप का
चट भी मेरी पट भी मेरी अंटा मेरे बाप का

ये भी अच्छे वो भी अच्छे किससे भला बुराई लें
एक नाव पर हैं सवार अब किससे क्या उतराई लें
मैंने अपनी बात रखी अब क्या विचार है आपका

सबके झंडे सबके पट्टे सबके बिल्ले बाँधें हम
सबको काँधों पर बैठायें बैठें सबके काँधे हम
हमने भी तो सिला लिया है कुरता लम्बे नाप का

सबकी अपनी अपनी गोटी सबके अपने खेल यहाँ
अपने अपने रूट दौड़तीं सबकी अपनी रेल यहाँ
छुक छुक दौड़ पड़ेगा फिर भी अपना इंजन भाप का

जहाँ खड़े हो वहीं ज़ोर से उनकी ही जयकार करो
ओठों से मुस्कान न छूटे हाथ जोड़ सत्कार करो
और असर तो देखो प्यारे झूठे प्रेमालाप का

जीते हारे कोई मगर लड्डू तो अपने हाथ रखे
उसकी ही लुटिया डूबेगी जो भी हमको साथ रखे
होकर अलग तमाशा देखें ख़ुशियों और विलाप का
चट भी मेरी पट भी मेरी अंटा मेरे बाप का

-राजेन्द्र सहारिया

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